बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं में पास होने के लिए कितने नंबर चाहिए?

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बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं (विज्ञान, कला, वाणिज्य) अंकन योजना और उत्तीर्ण मानदंड

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) द्वारा कक्षा 12वीं की परीक्षा के लिए विषयवार अंकन योजना और उत्तीर्ण मानदंड निर्धारित किए गए हैं। यह मानदंड विज्ञान (Science), कला (Arts) और वाणिज्य (Commerce) तीनों संकायों के लिए अलग-अलग हैं।


उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम आवश्यक अंक

बिहार बोर्ड के अनुसार, किसी भी छात्र को परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए निम्नलिखित मानदंड पूरे करने होंगे:

  • प्रत्येक विषय में न्यूनतम 30% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।
  • प्रायोगिक विषयों में, थ्योरी परीक्षा में 30% और प्रायोगिक भाग में 40% अंक प्राप्त करना आवश्यक है।
  • कुल मिलाकर, सभी विषयों में न्यूनतम 33% औसत अंक होने चाहिए।




  1. कंपार्टमेंटल परीक्षा:
    यदि कोई छात्र किसी एक या अधिक विषयों में न्यूनतम उत्तीर्ण अंक प्राप्त नहीं कर पाता है, तो वह बिहार बोर्ड द्वारा आयोजित कंपार्टमेंटल परीक्षा में बैठ सकता है।
  2. ग्रेस मार्क्स:
    बिहार बोर्ड कुछ विशेष परिस्थितियों में उन छात्रों को ग्रेस मार्क्स देता है जो उत्तीर्ण होने के लिए कुछ ही अंकों से पीछे रह जाते हैं।
  3. पुनर्मूल्यांकन (Re-evaluation):
    यदि किसी छात्र को अपने प्राप्त अंकों पर संदेह है, तो वह पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकता है।

बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं मार्किंग स्कीम – फर्स्ट डिवीजन और सेकंड डिवीजन

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) द्वारा कक्षा 12वीं की परीक्षा में छात्रों को उनके अंकों के आधार पर फर्स्ट डिवीजन, सेकंड डिवीजन और थर्ड डिवीजन प्रदान किया जाता है। प्रत्येक संकाय (Science, Arts, Commerce) के लिए उत्तीर्ण होने और डिवीजन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम अंकों की आवश्यकताएं निम्नलिखित हैं।



  1. प्रत्येक विषय में न्यूनतम 30% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।
  2. प्रायोगिक विषयों में थ्योरी में 30% और प्रायोगिक भाग में 40% अंक जरूरी हैं।
  3. कुल मिलाकर न्यूनतम 33% अंक लाना आवश्यक है।
  4. फर्स्ट डिवीजन के लिए 60% या उससे अधिक अंक आवश्यक हैं।
  5. सेकंड डिवीजन के लिए 45% से 59% अंक आवश्यक हैं।
  6. जो छात्र 33% से कम अंक प्राप्त करते हैं, वे फेल माने जाते हैं।

यदि न्यूनतम अंक प्राप्त नहीं होते हैं तो क्या करें?

ग्रेस मार्क्स (Grace Marks) – यदि छात्र कुछ ही अंकों से फेल होते हैं, तो बिहार बोर्ड उन्हें ग्रेस मार्क्स दे सकता है।
कंपार्टमेंट परीक्षा (Compartment Exam) – यदि कोई छात्र एक या दो विषयों में फेल होता है, तो वह कंपार्टमेंट परीक्षा दे सकता है।
उत्तर पुस्तिका पुनर्मूल्यांकन (Re-evaluation) – छात्र अपने अंकों से संतुष्ट नहीं होने पर रीचेकिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं।


निष्कर्ष

बिहार बोर्ड 12वीं परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन पाने के लिए 60% (300 अंक), सेकंड डिवीजन के लिए 45% (225 अंक) और थर्ड डिवीजन के लिए 33% (165 अंक) जरूरी होते हैं। यदि कोई छात्र न्यूनतम अंकों से पीछे रह जाता है, तो वह कंपार्टमेंटल परीक्षा दे सकता है या ग्रेस मार्क्स पा सकता है। सही रणनीति अपनाकर और नियमित पढ़ाई करके छात्र अच्छे अंक प्राप्त करे l


समय प्रबंधन का अभ्यास करें।
पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करें।
पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन करें और नियमित रूप से दोहराव करें।
प्रायोगिक परीक्षाओं की तैयारी को गंभीरता से लें।
महत्वपूर्ण टॉपिक्स की शॉर्ट नोट्स बनाएं।


बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं की परीक्षा में सफल होने के लिए छात्रों को प्रत्येक विषय में निर्धारित न्यूनतम अंक प्राप्त करने होते हैं। विषयों की प्रकृति के अनुसार अंकन योजना और उत्तीर्ण मानदंड अलग-अलग होते हैं, खासकर विज्ञान, कला और वाणिज्य संकायों में। यदि कोई छात्र न्यूनतम अंकों से कम अंक प्राप्त करता है, तो उसके पास कंपार्टमेंटल परीक्षा, ग्रेस मार्क्स और पुनर्मूल्यांकन का विकल्प होता है।

यदि छात्र सही रणनीति अपनाते हैं और नियमित रूप से पढ़ाई करते हैं, तो वे अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो सकते हैं और अपने करियर की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।


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